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कार्तिक आर्यन ने बिना दवाई लिए बॉडी बनाई:लोगों ने कहा- स्टेरॉयड ले लो; सेलिब्रिटी फिटनेस ट्रेनर बोले- शॉर्टकट अपनाना बॉडी के लिए खतरनाक

3 weeks ago 25



फिल्म गजनी में आमिर खान को देखकर सिक्स पैक एब्स बनाने का फैशन चल पड़ा था। सिक्स पैक के बाद एट पैक एब्स का ट्रेंड शुरू हुआ। शाहरुख ने फिल्म हैप्पी न्यू ईयर में इसकी एक झलक दिखाई। वैसे यहां हम सलमान खान को क्यों भूल रहे हैं। सलमान खान तो बॉडी बिल्डिंग के ध्वज वाहक माने जाते हैं। उम्र के इस पड़ाव पर भी उनकी बॉडी की खूब चर्चा होती है। हालांकि ऐसी बॉडी बनाने के लिए एक्टर्स को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। खाने-पीने पर कंट्रोल करना पड़ता है। बात अगर किसी फिल्म में स्पेशल रोल करने की हो तो यह मेहनत दोगुनी हो जाती है। एक्टर्स अपने रोल में ढलने के लिए फिटनेस ट्रेनर रखते हैं। एक्टर्स की बॉडी बिल्डिंग में इन फिटनेस ट्रेनर्स का बहुत बड़ा रोल होता है। रील टु रियल के नए एपिसोड में हमने ऐसे ही एक फिटनेस ट्रेनर त्रिदेव पांडे से बात की है। उन्होंने बताया कि कुछ एक्टर्स जल्दी बॉडी बनाने की चाह में स्टेरॉयड का प्रयोग करते हैं, लेकिन यह बॉडी के लिए खतरनाक है। त्रिदेव पांडे ने यहां तक बताया कि कई बड़े एक्टर्स की जो हम बॉडी देखते हैं, वो स्टेरॉयड लेने का ही नतीजा है। फिल्म चंदू चैंपियन के लिए कार्तिक आर्यन को भी लोगों ने यही सलाह दी थी, लेकिन कार्तिक ने नैचुरली बॉडी बनाना ज्यादा सही समझा। चंदू चैंपियन के लिए कार्तिक ने त्रिदेव पांडे से ही ट्रेनिंग ली थी। बॉडी बनाने का मतलब सिर्फ सिक्स पैक एब्स नहीं एक्टर्स के लिए सिक्स पैक एब्स बनाना जरूरी होता है? क्या बॉडी बिल्डिंग का पैरामीटर यही है? जवाब में त्रिदेव ने कहा, ‘नहीं, ऐसा नहीं है। एक फिटनेस कोच के तौर पर मैं इसे बिल्कुल प्रमोट नहीं करता हूं। बॉडी बनाने का मतलब सिर्फ सिक्स पैक एब्स नहीं है। आपको अंदर से फिट महसूस होना चाहिए। बॉडी दिखने में एस्थेटिक होनी चाहिए। सिक्स पैक बनाना प्रैक्टिकली आसान है। अगर किसी ने ठान लिया कि उसे सिक्स पैक चाहिए ही चाहिए तो वो कुछ महीनों के वर्कआउट के बाद इसे हासिल कर लेता है। हालांकि असली दिक्कत इसे मेंटेन करने में है।’ कई एक्टर्स सिक्स पैक एब्स को मेंटेन नहीं रख पाते त्रिदेव ने कहा कि कई एक्टर्स सिक्स पैक एब्स तो बना लेते हैं, लेकिन इसे मेंटेन नहीं कर पाते। दो से चार महीनों के बाद वे वापस पहले की तरह हो जाते हैं। त्रिदेव ने कहा, ‘सिक्स पैक बनाकर आप दिख तो अच्छे सकते हैं, लेकिन अंदर से बॉडी कितनी खोखली होती है, वो मुझे पता है। आप खुद ही देखिए, जितने भी एक्टर्स ने एक टाइम पर सिक्स पैक एब्स बनाया है, आज के डेट में उनकी बॉडी बिल्कुल डिफरेंट है। सिक्स पैक फिल्मों में किसी पर्टिकुलर रोल के लिए बनाना ठीक है, लेकिन इसे लंबे समय तक कैरी करना आसान नहीं है और न ही जरूरी है।’ कार्तिक आर्यन को लोगों ने स्टेरॉयड लेने की सलाह दी थी हमने त्रिदेव से सवाल किया कि क्या एक्टर्स जल्दी और मस्कुलर बॉडी बनाने के लिए स्टेरॉयड कंज्यूम करते हैं। उन्होंने कहा, ‘बिल्कुल करते हैं। अभी मैं कार्तिक आर्यन को फिल्म चंदू चैंपियन के लिए ट्रेन कर रहा था। वे जब मेरे पास आए तो 90 किलो के थे। उनसे पुशअप्स नहीं हो रहे थे। स्कीपिंग (रस्सी कूदना) तक नहीं कर पा रहे थे। ट्रेडमिल पर ज्यादा देर दौड़ने में भी थक जाते थे। उन्हें फिल्म में देश के पहले पैरालिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट मुरलीकांत पेटकर का किरदार निभाना था। ऐसे में बॉडी बनानी जरूरी थी। बहुत लोगों ने उन्हें सलाह दी कि स्टेरॉयड ले लो, बॉडी जल्दी बन जाएगी। कार्तिक ने साफ मना कर दिया। मैंने उन्हें 14 महीने ट्रेनिंग दी। आप सोच में पड़ जाएंगे कि फिल्म के आखिरी दिनों में वे 50 किलो वेट के साथ पुशअप्स मारने लगे थे। ट्रेडमिल पर 18 की स्पीड पर दो-दो मिनट दौड़ने लगे थे। जब कार्तिक ट्रेनिंग के लिए आए तो उनकी बॉडी का फैट परसेंटेज 39 था। फिल्म के अंत तक 7% हो गया था। ये सारे बदलाव बिना स्टेरॉयड के दिखे।’ त्रिदेव ने बताया कि स्टेरॉयड हानिकारक है, इसलिए बाजार में खुलेआम नहीं बिकता। मेडिकल रिसर्च यही कहती कि स्टेरॉयड लेना किसी भी कीमत पर सही नहीं है। त्रिदेव ने कहा, ‘मैंने अपने 10 साल के कोचिंग करियर में किसी को भी स्टेरॉयड लेने के लिए नहीं कहा और न ही इसे प्रमोट किया। बॉडी बनाने के लिए शॉर्टकट अपनाना खतरनाक है।’ त्रिदेव ने कहा- बॉडी देख कर बता सकते हैं कि सामने वाले ने स्टेरॉयड लिया है या नहीं त्रिदेव का कहना है कि वो एक्टर्स की बॉडी देख कर बता सकते हैं कि उसने स्टेरॉयड लिया है कि नहीं। त्रिदेव ने कहा, ‘आजकल जिसे देखो, वो दो महीने में बॉडी बना ले रहा है। बॉडी बनाना कितना मुश्किल काम है, ये मुझसे पूछिए। एक किलो मसल्स बढ़ाने के लिए एक महीना लग जाता है वो भी तब जब आप अच्छे से डाइट फॉलो कर नियमित एक्सरसाइज करें।’ एक्टर्स को डांट भी लगा देते हैं त्रिदेव, एक्सरसाइज के बीच फोन नहीं चलाने देते अगर एक्टर्स सही से एक्सरसाइज नहीं कर ऱहे हैं, या उनका ध्यान जिम से ज्यादा फोन पर है तो त्रिदेव उन्हें डांट भी लगा देते हैं। त्रिदेव कहते हैं, ‘एक बार मेरे पास कोई स्टार आ गया तो मैं उसे नॉर्मल क्लाइंट की तरह ही ट्रीट करता हूं। अगर मैंने अपने दिमाग में बैठा लिया कि मेरे सामने कोई सेलिब्रिटी खड़ा है तो मैं उसे ट्रेनिंग नहीं दे पाऊंगा। मैंने हमेशा से यही सीखा है कि गुरु और शिष्य के रिश्ते के बीच एक सीमा होनी चाहिए। शायद इसी वजह से मैं उन्हें डांट और फटकार भी सकता हूं। अगर मुझे लगता है कि सामने वाला गलत तरीके से एक्सरसाइज कर रहा है, मेरी बात नहीं सुन रहा है या जिम के बीच में फोन चला रहा है, तो मैं सबके सामने उस पर चिल्ला देता हूं।’ बिना मांस खाए भी बन सकती है बॉडी, मैं खुद भी मीट नहीं खाता क्या बॉडी बनाने के लिए मांस का सेवन करना जरूरी है? त्रिदेव ने कहा, ‘यह भी एक मिथ ही है कि मांस के बिना बॉडी नहीं बन सकती। मांस में जो प्रोटीन पाया जाता है, वही आपको हरी सब्जियों में भी मिल जाएगा। मैं खुद भी एक वेजिटेरियन हूं। मैंने बिना मीट कंज्यूम किए ही ऐसी बॉडी बनाई है। कार्तिक आर्यन भी मीट का सेवन नहीं करते। हालांकि वे अंडे खाते हैं। अंडे भी मजबूरी में खाते हैं, क्योंकि उन्हें पनीर सहित दूध से बनने वाली चीजों से एलर्जी है। फिल्म चंदू चैंपियन के लिए ट्रेनिंग के वक्त वे एक दिन में 12 अंडे खाते थे, जिसमें दो से तीन पूरा अंडा, बाकी सारे सफेद हिस्से वाले होते थे। पुराने जमाने में हमारे पूर्वज साग सब्जियों का सेवन ज्यादा करते थे। आज हमारे पास डिफरेंट टाइप्स के सप्लिमेंट्स और प्रोटीन पाउडर हैं, बावजूद इसके हम उनके जितने बलशाली नहीं हो सकते।’ प्रॉपर डाइट प्लान किया जाता है, खाने में प्रोटीन और कार्ब्स की मात्रा ज्यादा होती है जब आपके पास सेलेब्स ट्रेनिंग के लिए आते हैं, तो सबसे पहले क्या काम करते हैं? त्रिदेव ने कहा, ‘मान लीजिए मेरे पास कोई सेलिब्रिटी आया। मैं सबसे पहले उसका वजन चेक करूंगा। इसके बाद छोटे-छोटे लक्ष्य रखूंगा। ऐसा नहीं है कि हम तुरंत एक ही महीने में सारा वजन कम करने पर आ जाएंगे। हम श्योर करेंगे कि पहले हफ्ते में आधा किलो वजन कम हो, फिर अगले हफ्ते में एक किलो। ऐसा करते-करते हम दो-तीन महीने में 8-10 किलो वजन कम कर लेंगे। हालांकि इस बीच हमें क्लाइंट के बिजी शेड्यूल पर भी ध्यान देना होता है। उन्हें शूटिंग करनी होती है, ऐसे में एक ही बार में ज्यादा वजन कम होने से कमजोरी भी हो सकती है। यही देखते हुए एक प्रॉपर डाइट भी प्लान करते हैं, ताकि उनकी बॉडी में कार्ब्स और प्रोटीन की मात्रा प्रचुर हो।’ त्रिदेव ने कहा कि वजन बढ़ाना दुनिया का सबसे आसान काम है, वहीं वजन घटाना दुनिया का सबसे मुश्किल काम है।
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